भक्तो की मन की इच्छाओ को पूरी करने वाले बाबा Khatu Shyam ji Mandir Sikar ( Rajasthan ) में स्थित हैं | जिन्हे भक्तगण “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” कहते हैं |
इस लेख में हम आपको खाटू श्याम जी के चमत्कार तथा उनके इतिहास की बारे में पूरी जानकारी देंगे –
- Sikar जिले के खाटू गाँव में स्थित यह मंदिर Rajasthan का Famous Temple हैं |
- Khatu Shyam ji को कृष्ण भगवान का अवतार माना जाता हैं |
- कहते है की जो भी भक्त या व्यक्ति भगवान Khatu Shyam ji को मन से आस्था के साथ याद करते हैं,
- बाबा श्याम उनकी मन की इच्छाओ को पूरी करते हैं तथा कष्ट, दुःख दर्द को हर लेते हैं और हारे हुए इंसान को जीता देते हैं,
- इसलिए इन्हे हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा कहते है |
- हम आपको बता दे की भक्तगणों के अनुभव के अनुसार खाटूश्याम जी सच में बहुत चमत्कारी हैं |
Khatu Shyam Ji कौन थे और इनका नाम श्याम क्यों रखा पूरी कहानी –
बाबा खाटू श्याम जी पांडव पुत्र भीम के पोते थे जिनका नाम बर्बरीक था |
- पांडव पुत्र भीम का विवाह हिडिम्बा से हुआ था
- हिडिम्बा की कोख से घटोखा का जन्म हुआ और घटोखा का पुत्र बर्बरीक हुए |
- बर्बरीक बहुत ही साहसी और वीर योद्धा थे |
- पांडवो और कौरवो के बीच महाभारत का युद्ध शुरू हो गया तभी बर्बरीक ने युद्ध में भाग लेना चाहा |
- अर्जुन के सारथी भगवान श्री कृष्ण को परिणाम पता था की जिस तरफ बर्बरीक रहेंगे वो पक्ष विजयी होगा |
- इसलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक से पूछा की आप युद्ध में किस तरफ रहेंगे तो,
- उन्होंने जवाब दिया की जो पक्ष कमजोर होगा तथा हारने वाला होगा में उसकी तरफ से युद्ध लड़ूँगा |
- श्री कृष्ण पांडवो को जीतने के लिए बर्बरीक से शीश दान अर्थात सिर मांग लिया |
- बर्बरीक बिना कोई सवाल किये अपना शीश देने के लिए तैयार हो गए परन्तु युद्ध देखने की इच्छा जाहिर की
- तब श्री कृष्ण ने इनके शीश को युद्ध वाली जगह के पास एक पहाड़ी पर रख दिया जहा से युद्ध दिख सके |
- पांडव युद्ध जीत गए भगवान श्री कृष्ण बर्बरीक के बलिदान, त्याग और भक्ति से प्रसन्न होकर उनको वरदान दिया की आप कलयुग में मेरे अवतार श्याम (shyam ) के नाम से पूजे जायेंगे |
खाटू नाम क्यों पड़ा और Khatu Shyam ji के Mandir का निर्माण कैसे हुआ –
कहते हैं कलयुग बर्बरीक यानि श्याम जी का सिर सीकर जिले के एक छोटे से गांव खाटू (Khatu) में मिला था |
- सिर का पता तब चला जब उस स्थान से एक गाय गुजर रही थी तभी अचानक गाय के थनो से अपने आप दूध निकलने लगा |
- इस चमत्कार को देख कर उस गाँव के लोगो ने यहाँ की खुदाई की तब बर्बरीक यानि Shyam जी का सिर मिला |
- खाटू गाँव के राजा रूपसिंह चौहान को सपना आया था की ,
- इस सिर के लिए एक मंदिर का निर्माण किया जाये तथा उस मंदिर में इस सिर की स्थापना की जाए और पूजा की जाये |
- राजा ने ऐसा ही किया और Khatu Shyam JI के मंदिर का निर्माण करवाया |
- इस प्रकार बर्बरीक को श्याम का नाम मिला और श्याम की खाटू में मंदिर बनाकर पूजा की जाने लगी इसलिए इनका नाम Khatu Shyam JI रखा |
Khatu Shyam ji Mandir Sikar की वास्तुकला –
यह मंदिर सफेद संगमरमर से निर्मित है इसकी सुंदरता को देखने के लिए कई पयर्टक आते हैं ये यहाँ का Sikar Tourist Place हैं |
- इस मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार संगमरमर से बने हुए हैं तथा एक बड़ा प्रार्थना कक्ष हैं जिसे जगमोहन के नाम से जाना जाता हैं |
- खाटू श्याम जी मंदिर के पास एक पवित्र कुंड हैं,
- जहा भक्तो की मान्यता हैं की इसमें स्नान करने से दुःख – दर्द और बीमारियाँ ठीक होती हैं |
Khatu Shyam ji Mandir Sikar Aarti Time :
बाबा खाटू श्याम मंदिर में 5 बार आरती होती हैं
- मंगल आरती – यह आरती सुबह जल्दी की जाती हैं जब मंदिर के द्वार खुलते हैं |
- श्रृंगार आरती – अलंकृत आरती के साथ जब खाटू श्याम जी का भव्य दर्शन किया जाता है तब ये आरती होती हैं |
- भोग आरती – भगवान को जब भोग लगाया जाता हैं तब ये दिन की तीसरी आरती होती हैं |
- संध्या आरती – यह आरती शाम को सूर्यास्त के समय की जाती हैं |
- सयाना आरती – मंदिर के द्वार बंद करते समय यह आरती होती हैं |
Khatu Shyam ji Mandir Sikar Timings :
गर्मियों में – सुबह 4 :30 से दोपहर 12:30 तक और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक
सर्दियों में – सुबह 5 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे रात 9 बजे तक
अतः इस लेख में हमने बाबा खाटू श्याम मंदिर सीकर की पूरी जानकारी आपको दी आप अपने परिवार के साथ यहाँ जा सकते हैं और बाबा श्याम का आशीर्वाद लेकर अपने जीवन को सफल बनाये |