कहा जाता है जीवन मे एकबार केदारनाथ (Kedarnath)के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन यात्रा कैसे करे क्या ध्यान रहना है उसकी सम्पूर्ण जानकारी आपको उसके इतिहास और महत्व के साथ जाने।
केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) का इतिहास और महत्व।
केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) उत्तर भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में है।
- हिमालय की गोद मे बसा हुआ केदारनाथ (Kedarnath) मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों मे से एक है।
- हमारी धार्मिक कथा अनुसार महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद पांडव अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान शिव की शरण में जाने का फैसला किया।
- यह पौराणिक कथा का वर्णन हमें शिवपुराण , महाभारत इत्यादि धर्मग्रंथों मे मिलता है।
- जब पांडव भगवान शिव के पास अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए गए तब शिवजी ने उनकी परीक्षा करने के लिए पांडव उन्हें पहचान ना पाए इसलिए बैल का रूप धरण किया।
- लेकिन पांडव भगवान शिव को पहचान गए, और उनसे दर्शन की प्रार्थना की।
- अंततः भगवान शिव ने पांडवों को दर्शन दिए ।
- और फिर तब से स्वयंभूलिंग शिवलिंग की यहाँ स्थापना हुई, और यह स्थल केदारनाथ हैं |
- तब से केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की यहाँ पूजा अर्चना होने लगी।
- कहा जाता है की शिवजी के दर्शन के बाद केदारनाथ (Kedarnath) मंदिर की स्थापना खुद पांडवों ने ही की थी।
- फिर उसके बाद 8 वीं सदी में आचार्य पंडित शंकराचार्यजी ने केदारनाथ (Kedarnath) मदिर का पुनः निर्माण करवाया था।
- वर्तमान जो मंदिर है वह शंकराचार्यजी द्वारा पुनः निर्मित किया गया केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) है।
इमेज क्रेडिट – invinciblengo.org
केदारनाथ मंदिर की कुछ ओर विशेष बातें (About Inside Kedarnath Temple)
केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) की संरचना हिमालाई शैली में की गई है।
- और पत्थरों को आपस में एक दुसरे से जोड़कर यह मंदिर बनाया गया है।
- मंदिर के अंदर भगवान शिव के साथ अन्य देवी देवताओं की भी मूर्ति है।
- यहाँ के मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल के विरशैव संप्रदाय के मुख्यतः होते है, जो शैव पूजा में पारंगत होते है।
- केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) में रोज चार बार पूजा होती है।
- सुबह , दोपहर, शाम और रात को पूजा होती है।
- अक्षय तृतीया के दिन से मंदिर के कपाट खुलते है और सब दर्शन कर सकते है।
- जब की कार्तिकी पूर्णिमा के दिन कपाट बंध होते है, फिर अगली अक्षय तृतीया के दिन खुलते है।
शंकराचार्य समाधि स्थल (Shankaracharya samadhi in Kedarnath)
मंदिर परिसर में ही आदि शंकराचार्य जी की समाधि है।
- ज्ञात रहे की 8 वी सदी में इसी केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) का पुनर्निर्माण करवाया था।
- हिन्दू धर्म मे विशेष योगदान एवं इन्होंने हिन्दू धर्म को मजबूत करना और वेदों का ज्ञान का प्रचार प्रसार करके विश्व मे फेलाना था।
- चार मठों की स्थापना का श्रेय भी इन्हे ही जाता है।
- हमारे धर्मगुरु आदि शंकराचार्य जी की समाधि केदारनाथ मंदिर (Shankaracharya Samadhi in Kedarnath)के परिसर मे होने की वजह से यात्रालु इनके भी दर्शन करके कृतज्ञ होते है।
केदारनाथ की यात्रा (Kedarnath Trek) ।
केदारनाथ समुद्र तल से लगभग साढ़े ग्यारह फीट की ऊंचाई पर है। इसलिए यात्रा थोड़ी कठिन और चुनौती भरी होती है।
- वहाँ जाने के लिए गौरीकुंड से 16 किलोमीटर लंबा ट्रेक है।
- केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath Trek) 16 किलोमीटर लंबा है, जो आपको कठिन होता है, तो यात्रा करने से पहेले अपने फिट्नेस पर ध्यान जरूर देना है।
- यह सफर आप पैदल चलकर खच्चर पर सवारी कर केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath Trek) पूरा करके केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) पहुँच सकते है।
- अब तो हेलिकॉप्टर की भी सुविधा हो गई है तो यह कठिन यात्रा अब उतनी चुनौतीपूर्ण नहीं रही है, आप कुछ घंटे में ही यह पावन यात्रा पूर्ण करके वापस लौट सकते है।
- आइए आपको कैसे केदारनाथ (Kedarnath) पहुंचे बताते है।
- ऋषिकेश से केदारनाथ (Rishikesh तो Kedarnath)
ऋषिकेश से केदारनाथ लगभग 230 किलोमीटर की दूरी पर है।
- आप यहाँ से टैक्सी या उत्तराखंड की बस, प्राइवेट बस करके केदारनाथ बाय रोड (Kedarnath by Road) जा सकते है।
- आपको ऋषिकेश से केदारनाथ (Rishikesh to Kedarnath) जाने के लिए पहेले तो ऋषिकेश से सोनप्रयाग का सफर बाय रोड 6 से 7 घंटे का वो खूबसूरत डिस्टन्स जो की लगभग 219 किलोमीटर है ते करना है।
- फिर वहाँ से आपको केदारनाथ के लिए आगे का 5 किलोमीटर का मार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए तय करना पड़ेगा।
- जो की निजी टैक्सी सेवा या शेरिंग टैक्सी सेवा का उपयोग करना है।
- गौरीकुंड से फिर 16 किलोमीटर का रास्ता (Gaurikund Trek) पैदल ट्रेकिंग या किसी खच्चर पर सवार होकर पूर्ण करना है।
केदारनाथ बाय हेलिकॉप्टर (Kedarnath by Helicopter)
- अगर आप ज्यादा तकलीफ लिए बगैर केदारनाथ के दर्शन करना चाहते है तो हेलिकॉप्टर से केदारनाथ पहुँचकर दर्शन कर सकते है।
- इसके लिए आपको बुकिंग करवानी पड़ेगी।
- और इसकी तिकीट प्राइस भी अपेक्षाकृत बजेट फ़्रेंडली है।
- आप आईआरसीटीसी की हेलीयात्रा मे अपना अकाउंट बनाकर टिकिट बुक कर सकते है।
- लेकिन इससे पहेले आपको उत्तराखंड सरकार से भी यात्री रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
- आप आईआरसीटीसी की ऑफिसियल वेबसाईट https://heliyatra.irctc.co.in/ पर जाके सारी डीटेल ले कर बुकिंग कर सकते है।
- ध्यान रहे आपको भारी संख्या मे लोग दर्शन करने जाते है, इसलिए आपको अपनी इस यात्रा का प्लान दो तीन महीने पहेले ही कर लेना चाहिए। वेटिंग भी बहोत ज्यादा होता है।
- और हेलिकॉप्टर की बुकिंग भी पहेले ही कर लेनी चाहिए।
- इसके लिए वेबसाईट पर कब बुकिंग स्टार्ट होगी कहाँ से आपकी हेली यात्रा स्टार्ट होगी सारी जानकारी दी गई है।
- लेकिन हम भी आपको थोड़ा ब्रीफ़ कर देते है।
- यह हेली यात्रा (Heli Yatra) गुप्तकशी, सिरसा, फाटा से केदारनाथ तक की होती है।
- आप अपनी यात्रा अनुसार इन जगहों से हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाकर दर्शन कर सकते है।
केदारनाथ मे होटेल सुविधा (Hotels in Kedarnath)।
- केदारनाथ यात्रा करते समय वहाँ पर ठहरने के लिए होटेल्स गेस्ट हाउस व धर्मशालाएं उपलब्ध है।
- यहाँ पर कुछ प्रमुख होटलों और धर्मशाला के बारे मे आपको बताते है।
- केदारनाथ हिमालय पर्वतमाला में स्थित होने के कारण ठंड ज्यादा होने की वजह से यहाँ के होटलों व गेस्ट हाउसीस में हीटर उपलब्ध होते है।
- चलिए देखते है। कुछ प्रमुख ठहरने के स्थान
- बिरला हाउस
यह एक प्रमुख धर्मशाला है जहा आपको आरामदायक रहेने के उपरांत भोजन की भी सुविधा उपलब्ध है।
यह आपको सस्ते मे अच्छी सुविधाएं देते है।
- गढ़वाल मण्डल विकास निगम (Garhwal Mandal Vikas Nigam)रेस्ट हाउस
GMVN के काफी सारे रेस्ट हाउस केदारनाथ मे है
आप यहाँ अनलाइन बुकिंग भी करवा सकते है।
इनकी बहोत सारी लॉज भी है जहा आप अपनी कम्फर्ट के अनुसार भोजन ले सकते है।
- कंपनी बाग गेस्ट हाउस
यह एक लोकप्रिय गेस्ट हाउस है।
यहाँ से आप केदारनाथ मंदिर का सुंदर नजारा देख सकते है।
यह आपको आरामदायक रहेने की सुविधा प्रदान करता है।
- अग्रवाल धर्मशाला
यह सस्ती और अच्छी धर्मशाला है, जो आपको रहेने की सुविधा प्रदान करता है।
यह धर्मशाला आपको किफायती दम मे जरूरी सेवा देते है।
- शंकराचार्य समाधि गेस्ट हाउस
यह केदारनाथ मंदिर के बगल में ही स्थित है, जो यट्रिओ को पवित्र वातावरण की अनुभूति देता है।
यहाँ से आप केदारनाथ मंदिर के एकदम नजदीक से दर्शन कर सकते है।
यह भी यात्रीओ को आवश्यक रहेने ठहरने की सुविधाये प्रदान करता है।
- प्राइवेट होटेल्स (Hotels in Kedarnath) ।
- केदारनाथ मे कई सारे प्राइवेट होटेल्स और लॉज है, जो आपके बजेट अनुसार ठहरने की सुविधा प्रदान करते है।
आप अपने बजेट के हिसाब से वहाँ बुकिंग करवा सकते है।
कुछ प्रमुख होटेल्स
- पंजाब सिंध आवास केदारनाथ
- होटेल त्रिशूल
- गायत्री सदन
- होटेल राजस्थान सेवा सदन
- केदार वेली रिसॉर्ट
- केदार यातिह रिसॉर्ट
- अन्य प्रमुख होटेल्स लॉज और होम स्टे भी उपलब्ध होता है।
- इसके उपरांत अगर आपको टेंट और केमपिंग साइट्स भी उपलब्ध रहेट है, जो आपको सुविधा पूर्ण रहेने की व्यवस्था देते है।
- यहाँ आप प्रकृति का एकदम नजदीक से अनुभव करेंगे।
यात्री के लिए आवश्यक सूचना।
- सबसे पहले तो बुकिंग जब भी करवाए तो किसी अच्छी ट्रैवल एजेंसी से करवाए ताकि किसी भी तकलीफ से बच सके।
- यह तो सब जानते है की मार्ग मे ट्राफिक जाम होता है घंटों तक तो हो सके तो बच्चों को ले जाना अवॉइड करें, या फिर हेलिकॉप्टर का मार्ग पसंद करें।
- अपने साथ खूब सर ड्रायफ्रूट्स ड्राय नास्ता हेल्थी कोल्ड ड्रिंक्स रखे ताकि थकान ना लगे ऐसे में कोल्ड ड्रिंक्स पीकर आप रिफ्रेश हो जाएंगे।
- पानी भी खूब सारा साथ मे रखे खासकर जब रोड ट्रैवल कर रहे है तो, क्यूंकी चक्काजाम की स्थिति मे परेशानी ना हो।
- अपने साथ एक अच्छी टॉर्च, मोमबत्ती, माचिस, छतरी, रैनकोट, जल्दी सुख जाए ऐसे कपड़े, स्वेटर वगेरह जरूर रखे। ये बहोत जरूरी चीजें है।
- होटेल्स बुकिंग (Hotels Booking in Kedarnath)
- आप होटेल्स का बुकिंग कुछ सोशल साइट्स या अनलाइन पोर्टल जैसे की goibibo, make my trip, yatra.com ये वेबसाईट के माध्यम से आप ओनलाइन बुकिंग करके सेफ रह सकते है।
- इसके अलावा जो हमने आपको गेस्ट हाउस, होटेल्स के नाम बताएं है, और आप Hotels in Kedarnath करके google करेंगे तो भी आपको सबकुछ मिल जाएगा।
- लेकिन ध्यान रहे की आपके साथ कुछ फ्रॉड ना हो इसलिए अधिकृत वेबसाईट पर ही जाकर online booking करे।
निष्कर्ष
केदारनाथ (Kedarnath) एक ऐसा पवित्र स्थल है, जहां भगवान शिव की असीम कृपा शक्ति प्राप्त है।
- हिन्दू धर्म में आस्था रखनेवाला हर हिन्दू यहाँ एकबार दर्शन करने जरूर आता है।
- केदारनाथ यात्रा का सब से अच्छा समय मई से अक्टूबर तक का होता है। इन दिनों मे भक्तों की भारी भीड़ रहेती है।
तो आप जब भी केदारनाथ दर्शन करने जाएं उससे पहेले छोटे से छोटी चीजों का ध्यान रखे ताकि कहीं
आप फस ना जाए और आपकी यात्रा सुखद और यादगार रहे।