Harshnath Temple Sikar भारत के राजस्थान राज्य के सीकर शहर में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है और यह हर्षगिरि पहाड़ी पर स्थित हैं |
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- हर्षगिरि पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के चारो और का मनोरम दृश्य बहुत सुहाना और सुन्दर हैं | इस लेख में Harshnath Temple Sikar की सम्पूर्ण कहानी के बारे में हम आपको बताएँगे |
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- यह मंदिर Sikar से 14 किमी. दक्षिण पूर्व में हैं |
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- हर्ष गिरी पहाड़ी 3000 फ़ीट ऊँची है तथा यहाँ 900 से अधिक मंदिरो के खंडहर हैं |
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- मंदिर के खंडहर होने के बाद भी लोग अपनी आस्था से भगवान को पूजने आते हैं |
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- यहाँ श्रद्धालु आकर भगवान शिव को बेलपत्र तथा दूध चढ़ाते है और बहुत ही सुन्दर कलाकृतिया इस मंदिर में बनी हुयी हैं |
- यह Sikar tourist place हैं |

Harshnath Temple Sikar का निर्माण –
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Toggleहर्षनाथ मंदिर हिन्दू देवता भगवन शिव को समर्पित हैं और मंदिर में उत्कीर्ण लेख प्राप्त हुआ था |
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- निर्माण – चौहान शासक विग्रहराज प्रथम के शासनकाल में शैव संत भावरक्त द्वारा किया गया |
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- उत्कीर्ण लेख के अनुसार मंदिर निर्माण आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी, सोमवार 956 ईस्वी में प्राम्भ हुआ और 973 में में पूरा हुआ |
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- जो ये लेख प्राप्त हुआ था ये संस्कृत भाषा में था जिसका अनुवाद कवि रामचंद्र ने किया |
Harshnath Temple Sikar का इतिहास –
हर्षनाथ मंदिर एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है, पुराणों में बताया गया हैं की –
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- त्रिपुर राक्षस ने भगवान इन्द्र और अन्य देवताओ को स्वर्ग से निकल दिया था ,
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- इस मंदिर में जो शिलालेख मिला था उसके अनुसार देवताओ ने इस पहाड़ी पर शरण ली और शिव को याद किया,
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- भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का वध किया और देवता प्रसन्न होकर शिव जी की बड़े हर्ष के साथ अराधना और स्तुति की तब से ही इस पहाड़ी को हर्ष पहाड़ी और इस मंदिर को harsh temple कहते हैं
Harshnath Temple Sikar को औरंगजेब ने तोड़ा –
ऐसा मान जाता हैं की यह मंदिर 200 साल पुराना हैं, मूल मंदिर को 1679 में मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने तोड़ दिया था,
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- फिर राव शिव सिंह ने अवशेषो का उपयोग करके मंदिर का पुर्निर्माण किया जो पुराने मंदिर से सटा हुआ हैं |
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- वर्तमान में यह मंदिर खंडहर तथा प्राचीन शिवलिंग यहाँ हैं |
Harshnath Temple Sikar की वास्तुकला –
सीकर में हर्षनाथ मंदिर अपनी प्राचीन और विशिष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जो उस समय की शिल्प कौशल को दर्शाता है। यहां मंदिर की वास्तुकला की कुछ प्रमुख विशेषताएं दी गई हैं-
शैली-
यह मंदिर पारंपरिक हिंदू स्थापत्य शैली का अनुसरण करता है, जो जटिल और बारीक र मूर्तिकला विवरणों की विशेषता है।
- यह एक बहुत अच्छा पयर्टन स्थल हैं |
संरचना-
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- मंदिर की मुख्य संरचना पत्थर का उपयोग करके बनाई गई है, और इसमें एक गर्भगृह एक वेस्टिबुल (अंतराला), और एक स्तंभित हॉल (मंडप) शामिल है।
- गर्भगृह में मुख्य देवता, भगवान शिव का निवास है, और यह मंदिर का सबसे भीतरी कक्ष है नक्काशी और मूर्तियां हैं |
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- मंदिर की बाहरी दीवारें विभिन्न पौराणिक और धार्मिक विषयों को दर्शाती बारीक नक्काशी और मूर्तियों से सुसज्जित हैं |
शिखर –
- मंदिर का शिखर (मीनार) एक प्रमुख विशेषता है, यह आमतौर पर आकार में पिरामिडनुमा है, जो पर्वत शिखर की तरह लगता है, और इसमें कई स्तर हो सकते हैं।
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- यहाँ एक नंदी की मूर्ति है जिसकी मान्यता है की इसके कान में कुछ भी मनोकामना की बात कही जाये वो पूरी होती हैं |
Jeen Mata के भाई Harsh Bheruji (हर्ष भेरू ) का मंदिर भी हर्ष पहाड़ी पर ही –
Harshnath Temple के पास ही जीण माता के भाई हर्ष का मंदिर हैं जो तपस्या करके भगवान शिव के वरदान से हर्ष भेरू के रूप में प्रसिद्ध हुए |
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- यहाँ मंदिर के बहार दीवार के पास अर्द्धनारीश्वर की मूर्ति हैं जो गणेशजी की हैं |
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- नवरात्री में दो बार मेला लगता हैं Harshnath Tempe में
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- भेरुजी का मेला एक बार ही लगता हैं जो भाद्रपद की शुक्ल त्रयोदशी को |
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- यहाँ दिन में 4 बार आरती होती हैं |
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- रविवार के दिन बहुत भीड़ रहती हैं Harsh bheru temple में |
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- Harsh Bheru mandir में तीन मुर्तिया हैं जिसमे बीच में माताजी की मूर्ति है
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- और दोनों तरफ harshnath जी तथा भेरुजी की मूर्ति हैं |
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- सावन महीने में यहाँ लोग जात और जडूला चढ़ाने के लिए आते हैं |
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- हर्ष पर्वत पर पवन चक्कियाँ लगायी गयी हैं और कई फीट ऊँचे पंखे लगाए गए हैं
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- जो वायु वेग से घूमकर पवन ऊर्जा बनाते हैं
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- पवन ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने वाले यहाँ टावर लगे हुए हैं |
अतः आपको हमने Harshnath Temple के बारे में बताया यह बहुत ही सुन्दर नक्काशी वाला मंदिर है चारो और से हरा भरा हैं बहुत ज्यादा संख्या में लोग हर्षनाथ मंदिरऔर हर्ष भेरू के दर्शन करने इतनी ऊंचाई पर आते हैं |
Harshnath Temple Sikar Location :