राजस्थान के सीकर के ऊबड़-खाबड़ इलाकों के बीच स्थित, Jeen Mata Temple एक आध्यात्मिक स्थान जो भक्ति, इतिहास और रहस्यमय आकर्षण की कहानियाँ बताता है। इस लेख में Jeen Mata Temple मधुमक्खियों की देवी के चमत्कार जिसके आगे मुगल बादशाह औरंगजेब ने हार मान ली इनकी पूरी कहानी बातयेंगे |
-
- यह प्राचीन मंदिर तीर्थयात्रियों और यात्रियों को समान रूप से आकर्षित करता हैं |
-
- यह मंदिर सैकड़ो या हजारो वर्ष पुराना हैं |
Jeen Mata Temple कहाँ स्थित हैं –
Table of Contents
Toggleयह मंदिर सीकर जिले के रेवासा गांव से 10 किमी दूर पहाड़ी के पास स्थित हैं
-
- जीन माता मंदिर सीकर जिले से 29 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित हैं |
-
- यह घने जंगल से घिरा तीन छोटी पहाड़ियों के संगम पर स्थित हैं |
-
- मंदिर प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थल हैं |
-
- नवरात्री के दौरान यहाँ लाखो माता के भक्त आते हैं तथा आशीर्वाद लेते हैं |
-
- माता के प्रति यहाँ के लोगो की बहुत आस्था और मान्यता हैं |
- यह एक सीकर Tourist place हैं
Jeen Mata Temple Story : जीण माता की पूरी कहानी कैसे प्रसिद्ध हुयी माता –
जीण माता का जन्म लोक मान्यताओं के अनुसार राजस्थान के चूरू जिले के घांघू गाँव के राजपूत परिवार में हुआ था और उनके भाई का नाम हर्ष था |
-
- माता जीण और हर्ष दोनों भाई बहनो में बहुत प्रेम था दोनों बहुत खुश थे |
-
- एक बार जीण और उनकी भाभी पानी भरने के लिए सरोवर गए,
-
- वही दोनों ननद भाभी के बीच बहस हो गयी की हर्ष किस से अधिक प्रेम करते हैं |
-
- दोनों के बीच यह शर्त लगायी गयी की जिसके सिर से पानी का मटका हर्ष पहले उतराकर नीचे रखेंगे,
-
- उसी से ही ज्यादा प्रेम करते हैं इस बात का पता चल जायेगा |
-
- इन सब बातो के बाद दोनों सिर पर मटका रख कर हर्ष के पास पहुंची और हर्ष ने पहले जीण का मटका उतार कर नीचे रख दिया
-
- इस से जीण को बुरा लगा और वो शर्त हार गयी
-
- हर्ष से नाराज होकर जीण अरावली के काजल शिखर पर जाकर भगवती माता की तपस्या करने लगी,
-
- जीण के भाई हर्ष ने जीण को मनाने के लिए वहाँ शिखर पर गए लेकिन जीण तपस्या में लीन थी |
-
- इसके बाद हर्ष भी भैरव की तपस्या करने लग गए |
-
- जीण माता की तपस्या करने के बाद शक्ति की देवी जीण माता के रूप में पूजी जाने लगी |
-
- हर्ष भैरव के रूप में पूजे जाने लगे |
-
- Jeen Mata Temple के पास ही हर्ष का मंदिर हैं
अतः ये Jeen Mata की पौराणिक कथा हैं जिसमे माता कैसे प्रसिद्ध हुयी ये बताया गया हैं |
Jeen Mata Temple किसने बनवाया –
जीण माता मंदिर का निर्माण आठवीं सदी में चौहान शासक पृथ्वीराज चौहान प्रथम के काल में मोहिल चौहान नाम के शासक ने 1064 ईस्वी में करवाया |
जीण माता के चमत्कार जिसके आगे औरंगजेब के सैनिक भाग गए –
मुगल बादशाह औरंगजेब मंदिरो की तोड़ फोड़ करवाता था और इसने सीकर के मंदिरो की तोड़ फोड़ करना चालू की तो सीकर वासियो ने जीण माता को याद किया
-
- Jeen Mata ने अपने चमत्कार से असंख्य मधुमक्खियों को औरंगजेब की सेना पर छोड़ दी
-
- सेना के सैनिक मक्खियों के खाने से खून से लथपथ हो गए और भाग गए
-
- औरंगजेब ने हार मान कर माता जीण से क्षमा मांगकर मंदिर में दीपक जलाने के लिए तेल भेजने का वादा किया |
-
- उस समय से लेकर आज तक Jeen Mata Temple में पहले दिल्ली से और फिर जयपुर से तेल भेजने की व्यवस्था की गयी हैं |
-
- इस चमत्कार के बाद जीण माता को मधुमक्खियों की देवी कहा जाने लगा |
Jeen Mata Temple Timings :
सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक मंदिर के द्वार open रहते हैं |
इस प्रकर जीण माता मंदिर पवित्र धार्मिक स्थल हैं आप यह माता रानी के दर्शन करने आ सकते हैं कभी भी हमेशा इस मंदिर के द्वार आपके लिए खुले हैं |