खाटू श्याम जी को क्यों कहते हैं हारे का बाबा श्याम हमारा

भक्तो की मन की इच्छाओ को पूरी करने वाले बाबा  Khatu Shyam ji Mandir Sikar ( Rajasthan ) में स्थित हैं | जिन्हे भक्तगण “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” कहते हैं 

Khatu Shyam ji को कृष्ण भगवान का अवतार माना जाता हैं |

यह बात हैं महभारत के युद्ध के समय की पांडव पुत्र भीम का विवाह हिडिम्बा से हुआ था | 

 हिडिम्बा की कोख से घटोखा का जन्म हुआ और घटोखा का पुत्र बर्बरीक हुए ,बर्बरीक बहुत ही साहसी और वीर योद्धा थे |

 पांडवो और कौरवो के बीच  महाभारत का युद्ध शुरू हो गया तभी बर्बरीक ने युद्ध में भाग लेना चाहा  अर्जुन के सारथी भगवान श्री कृष्ण को परिणाम  पता था की जिस तरफ बर्बरीक रहेंगे वो पक्ष विजयी होगा |

बार्बरिक ने कहा था जो पक्ष कमजोर होगा तथा हारने वाला होगा में उसकी तरफ से युद्ध लड़ूँगा | 

श्री कृष्ण पांडवो को जीतने के लिए बर्बरीक से शीश दान अर्थात सिर मांग लिया

बर्बरीक बिना कोई सवाल किये अपना शीश देने के लिए तैयार हो गए | 

 पांडव युद्ध जीत गए भगवान श्री कृष्ण बर्बरीक के बलिदान, त्याग और भक्ति से प्रसन्न होकर उनको वरदान दिया की आप कलयुग में मेरे अवतार श्याम (shyam )  के नाम से पूजे जायेंगे |

 कहते है की जो भी भ बाबा श्याम उनकी मन की इच्छाओ को पूरी करते हैं | 

बाबा श्याम कष्ट, दुःख दर्द को हर लेते हैं और हारे हुए इंसान को जीता देते हैं,इसलिए खाटू श्याम जी को हारे का बाबा श्याम हमारा कहते है | 

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